21 फ़रवरी, 2013

कोरियर डिलवरी के लेट-लतीफी पर भरना पड़ा जुर्माना



इन्दौर (मध्य प्रदेश) की जिला उपभोक्ता फोरम ने कोरियर डिलवरी में लेट-लतीफी करने पर कोरियर कम्पनी के विरुद्ध 3000/ रुपए मानसिक संत्रास के साथ-साथ 1000/ रुपए परिवाद व्यय भी अदा करने का आदेश विपक्षी को दिया।
            पाटीदार इण्टरप्राइजेज के अरुण कुमार आर्य ने तुकोगंज, इन्दौर स्थित रिलायंस कोरियर पर डिलवरी न करने का आरोप लगाते हुए उसके विरुद्ध एक केस इन्दौर उपभोक्ता फोरम में दायर कर दिया। परिवादी का कथन था कि उसके द्वारा 19.02.2010 को एक लिफाफा रिलायंस कोरियर के माध्यम से हिन्दुस्तान मेटल इण्डस्ट्रीज़, लुधियाना भेजा गया था। जिसमें टैक्स संबंधी फार्म सी थे। जबकि विपक्षी रिलायंस कोरियर ने अदालत में कहा कि परिवादी ने पता सही नहीं लिखा था और मोबाइल नम्बर भी नहीं लिखा था, सही पता मालुम चलने पर 23.03.2010 को उक्त कोरियर की डिलवरी कर दी गई।
            न्यायालय ने पाया कि विपक्षी ने ये नहीं बताया कि पत्र की डिलवरी किस माध्यम से की गई और न ही इस बावत कोई रसीद प्रस्तुत की गई। न्यायालय ने कहा कि परिवादी ने 2000/ रुपए टैक्स के व 5000/ रुपए इण्डैमिनीटी बाण्ड पर खर्च होने नुकसान बताया लेकिन इस संबंध में कोई दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया।
            न्यायालय ने विपक्षी को आदेशित किया कि परिवादी को 3000/ रुपए मानसिक संत्रास के व 1000/ रुपए परिवाद व्यय के अदा करे।

(वाद संख्या- 868/2010, निर्णय दिनांक- 18.01.2013

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें