14 फ़रवरी, 2013

“माइक्रोमैक्स” के खराब मोबाइल को क्षतिपूर्ति के साथ बदलने का आदेश


मैन्यूफ़ैक्चरिंग डिफैक्ट के चलते परिवादी की शिकायत पर माइक्रोमैक्स कम्पनी के मोबाइल को बदलकर नया मोबाइल देने और साथ में मानसिक संताप व वाद खर्च की क्षतिपूर्ति अदा करने का विपक्षी को आदेश बरेली उपभोक्ता न्यायालय ने दिया है।
            परिवादी के मुताबिक उसने एक सीडीएमए हैंडसेट जो माइक्रोमैक्स कम्पनी का था, शालू मोबाइल सेन्टर, मीरगंज, बरेली से 2200/ रुपए नकद देकर खरीदा था। मोबाइल कुछ दिनों तक तो ठीक चला लेकिन उसके बाद उसने काम करना बन्द कर दिया। माइक्रोमैक्स मोबाइल केयर सेन्टर पर जब परिवादी ने अपना मोबाइल दिखाया तो उसे बताया गया कि मैन्यूफ़ैक्चरिंग फाल्ट के कारण मोबाइल रिपेयर नहीं हो सकता है। कस्टमर केयर यानि कम्पनी के अथराज्ड सर्विस सेन्टर ने इस बावत एक पेपर परिवादी को दिया और कहा कि आपने जिस डीलर से मोबाइल खरीदा था इस पेपर को देकर और अपना खराब मोबाइल जमा कर नया मोबाइल ले लें। परिवादी ने यही किया लेकिन पहले तो दुकानदार कहता रहा कि नया मोबाइल आपको मिल जाएगा लेकिन बाद में उसने मोबाइल सेट नया देने से इन्कार कर दिया। जिस पर परिवादी ने उपभोक्ता न्यायालय में अपना वाद दाखिल कर दिया।
            न्यायालय ने परिवादी द्वारा दाखिल अभिलेखीय साक्ष्यों को देखने पर पाया कि वास्तव में मोबाइल सेट में निर्माण संबंधी त्रुटि थी। जिसे न बदलकर विपक्षीगण द्वारा शिकायतकर्ता के साथ अनुचित व्यापार प्रथा अपना है, जिसे सेवा में त्रुटि माना गया।
            न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि परिवादी को उसी मेक/माडल का दूसरा मोबाइल अथवा उस मोबाइल की कीमत 2200/ रुपए विपक्षीगण को वापस करें, साथ ही ये भी आदेशित किया कि आर्थिक क्षति के 5000/ रुपए तथा वाद व्यय के रूप में 2000/ रुपए अतिरिक्त अदा करें। यदि एक माह के अन्दर ऐसा नहीं किया जाता तो निर्णय की तिथि से भुगतान की तारीख तक 9 फीसदी साधारण वार्षिक ब्याज भी अदा किया जाए।


(वाद संख्या- 38/2010, निर्णय दिनांक- 03.01.2013)  

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