परिवादिनी श्रीमती कनक मिश्रा ने अपने पति यू.के. मिश्रा व पुत्र
विकास मिश्रा द्वारा विपक्षी आई.सी.आई.सी.आई. होम फाइनेंस कम्पनी से लिए गए होम लोन
के संदभ में एक वाद जिला उपभोक्ता फोरम बरेली में दाखिल किया गया था जिसे फोरम ने खारिज
कर दिया।
मामले के अनुसार
याची के पति यू.के. मिश्रा व पुत्र विकास मिश्रा ने 700000/ रुपए का होम लोन विपक्षी आई.सी.आई.सी.आई.
होम फाइनेंस कम्पनी से लिया था। दुर्भाग्यवश यू.के. मिश्रा के मृत्युपरांत पुत्र विकास
मिश्रा ने पोस्ट डेटेड चेक के माध्यम से लगातार राशि का भुगतान किया। शिकायतकर्ता के
अनुसार पुत्र की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गर्इ। किन्तु विपक्षी को कई बार लिखने के
बावजूद होम लोन के साथ मिलने वाला मुत दुर्घटना बीमा क्लेम नहीं दिया और बकायी धनराशि
के लिए नोटिस भेज दिया।
न्यायालय ने दस्तावेजों
के अवलोकन करने पर पाया कि होम लोन के साथ जो मृत्यु दुर्घटना बीमा की सुविधा दी गई
थी वो केवल प्रथम लोन आवेदक को ही प्रदान की गई थी।
शर्त के अनुसार-
"Further, we
are pleased to inform that with the final disbursement o this loan, a Free
Personal Accident Insurance cover to the first applicant o this loan, to the
extent o principal amount, is extended as per as the applicable
conditions."
न्यायालय ने यही
भी पाया कि प्रथम आवेदक यू.के. मिश्रा का देहान्त दुर्घटना में नहीं बल्कि स्वाभाविक
हुआ था। न्यायालय ने उपरोक्त तथ्यों के आधार पर परिवादिनी श्रीमती कनक मिश्रा का परिवाद
विपक्षीगण के विरुद्ध खारिज कर दिया, चूँकि परिवादिनी
प्रश्नगत बीमा पालिसी की लाभार्थी नहीं थी इसलिए न्यायालय द्वारा उन्हें कोई अनुतोष
प्राप्त करने का अधिकारिणी नहीं पाया गया।
(वाद संख्या- 108/2011,
निर्णय दिनांक- 10.01.2013)
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