23 जनवरी, 2010

स्टेट बैंक के विरुद्ध पन्द्रह हजार का ज़ुर्माना


इलाहाबाद उपभोक्ता फ़ोरम ने स्टेट बैंक, फ़ाफ़ामऊ के विरुद्ध पन्द्रह हजार रुपया ज़ुर्माना ठोंका है. मामला ये है कि याची गिरीश चन्द्र यादव निवासी सलेमपुर, देवरिया जो कि केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल का सिपाही है, 13 फ़रवरी सन 2009 को स्टेट बैंक शाखा फ़ाफ़ामऊ के ए.टी.एम. से दो हजा़र रुपये निकालने के लिए गया था. उसने भूलवश बीस हजा़र रुपये के लिए बटन दबा दिया. इसी तिथि में वह इलाहाबाद स्थित तेलियर गंज एटीएम में गया और दो हजार पाँच सौ रुपये की निकासी की तो मिनी स्टेटमेंट से पता चला की फ़ाफ़ामऊ स्थित एटीएम से बीस हजार रुपये डेबिट हो गया है, जब इस बावत संबंधित शाखा प्रबन्धक से बातचीत की तो बताया गया कि मशीन काम नहीं कर रही थी. आपका पैसा आपके खाते में पहुँच जाएगा. विपक्षीगण ने अपने ज़वाब में कहा कि प्रश्नगत तिथि पर मशीन ख़राब नहीं थी, उपभोक्ता ने बीस हजार रुपये निकाला है. मुकदमा खारिज़ किए जाने योग्य है. जबकि यह बात तथ्यों की जाँच में गलत निकली. फ़ोरम ने आदेश दिया कि भारतीय स्टेट बैंक, फ़ाफ़ामऊ बीस हजार रुपये याची को भुगतान करे तथा पन्द्र्ह हजार रुपये बतौर ज़ुर्माना भी उसको दे. इलाहाबाद उपभोक्ता फ़ोरम के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश, सदस्य
श्रीमती छाया चक्रवर्ती, सदस्य खुर्शीद हबीब ने भारतीय स्टेट बैंक को यह भी आदेशित किया कि दोषी बैंक कर्मियों के खिलाफ़ कार्रवाही करे.

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