09 अप्रैल, 2013

ग़लत रिपोर्ट के लिए पैथोलाजी पर जुर्माना


पैथोलाजी रिपोर्ट जिस पर रोग की पहचान निर्भर करती है यदि ग़लत हो तो कल्पना कीजिए कि मरीज़ की क्या हालत होगी। ऐसे ही एक मामले में जिला उपभोक्ता फोरम द्वितीय लखनऊ ने महानगर सिथत सरकार डायगनासिटक्स को आदेश दिया कि वह इनिदरा नगर निवासी  लीलावती को अलग-अलग पैथालाजी में कराई गई जाँच में व्यय हुए 600/ रुपए अदा करे। फोरम ने इसके अलावा
 शिकायतकर्ता को हुए मानसिक क्षति के लिए 6000/ हजार और वाद व्यय के लिए 2 हजार रुपए अलग से देने के आदेश भी दिए।
लीलावती के पति एसएन कुशवाहा के पेट में तक़लीफ थी। डाक्टर ने हीमोग्लोबिन की जाँच कराने के लिए कहा। भुक्तभोगी ने सरकार डायग्नासिटकस से जाँच कराई, जिसकी रिपोर्ट के अनुसार हीमोगलोबिन 5.6 मीग्रा था। इलाज़ कर रहे डाक्टर ने रिपोर्ट के आधार पर खून चढ़ाने की राय देते हुए किसी और पैथोलाजी से एक बार फिर से जाँच कराने को कहा। इसके दो अलग-अलग जाँच कराई गई, जिसमें हीमोग्लोबिन 12.4 व 12.2 मिग्रा पाया गया। फोरम दो के अध्यक्ष् आर.पी. पाण्डेय व सदस्य राजेन्द्र गुप्ता, सीमा भार्गव ने साक्ष्यों के आधार पर फैसला देते हुए आदेश दिया कि डायागनासिटक पैथोलाजी में हुए खर्च के 600/ रुपए व मानसिक कष्ट के लिए 6000/ तथा वाद व्यय के 2 हजार रुपए अलग से देने के आदेश दिया

( दिनांक- 02.04.2013, दैनिक जागरण, लखनऊ)

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